23 July 2025

उत्तराखंड : इन दो बड़े अस्पतालों में बनेंगे रेस्ट रूम, सस्ते दरों पर मिलेगा खाना, तिमारदारों को मिलेगा लाभ

0

देहरादून: उत्तराखंड सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करने पर जोर दे रही है. जिससे अस्पतालों में आने वाले मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का लाभ दिया जा सके. ऐसे में राज्य सरकार ने एक और कदम बढ़ाते हुए मरीजों के साथ आने वाले तीमारदारों को भी ठहरने की सुविधा उपलब्ध कराए जाने को लेकर विश्राम गृह बनाने का निर्णय लिया है. पहले चरण में देहरादून और हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में विश्राम गृह बनाए जाने को लेकर दोनों मेडिकल कॉलेजों ने सेवादान आरोग्य संस्था के साथ एमओयू साइन किया है.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मौजूदगी में राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी और देहरादून में तीमारदारों के लिए विश्राम गृह बनाने के लिए संस्था के साथ एमओयू साइन किया गया. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है. इन मेडिकल कॉलेजों में तीमारदारों के लिए विश्राम गृह बनने से लोगो को एक बड़ी सुविधा होगी. भर्ती मरीजों के साथ आने वाले परिजनों को रात्रि विश्राम और ठहरने की समस्या का समाधान होगा.

सीएम धामी ने सेवादान आरोग्य संस्था से किच्छा स्थित एम्स सैटेलाइट सेंटर में भी ये व्यवस्था करने की बात कही. जिस पर संस्था ने सहमति जाता दी है. इस एमओयू के तहत सेवादान आरोग्य फाउंडेशन, राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी और देहरादून में तीमारदारों के लिए विश्राम गृहों का निर्माण करेगा. दोनों मेडिकल कॉलेजों में 350 बेड की क्षमता वाले विश्राम गृहों का निर्माण किया जाएगा है. इन विश्राम गृहों (रैन बसेरों) में रात्रि विश्राम के लिए शयनागार में 55 रुपए प्रति बेड और दो बेड वाला कमरा 300 प्रति कमरे की दर से उपलब्ध कराए जाएंगे. साथ ही, 20 रुपए में नाश्ता और 35 रुपए में भोजन उपलब्ध कराया जाएगा.

इन विश्राम गृहों का संचालन और रखरखाव सेवादान आरोग्य फाउंडेशन की ओर से किया जाएगा. राजकीय मेडिकल कॉलेज देहरादून की ओर से 1750 वर्गमीटर और राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी की ओर से 1400 वर्गमीटर भूमि विश्राम गृहों के निर्माण के लिए उपलब्ध कराई गई है. इस एमओयू के तहत अगले 20 सालों तक सेवादान आरोग्य फाउंडेशन की ओर से संचालन किया जाएगा.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed