30 May 2025

उत्तराखंड कैबिनेट का बड़ा फैसला, स्थानीय लोगों को मिलेंगे 10 करोड़ तक के ठेके

0

देहरादून: राज्य सरकार ने बड़े निवेशकों को उद्यम लगाने के लिए आकर्षित करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। इस कड़ी में उन्हें स्थायी पूंजी निवेश के सापेक्ष 20 प्रतिशत तक पूंजीगत उपादान (कैपिटल सब्सिडी) देने का प्रविधान किया गया है। यह उपादान उन्हें उद्यम लगने के बाद चार किस्तों में दिया जाएगा।

पर्वतीय जिलों को दो श्रेणियों में लेते हुए इनमें उद्यम लगाने पर दो प्रतिशत तक अतिरिक्त पूंजीगत उपादान देने के निर्णय लिया गया है। राज्य में पहली बार बड़े उद्यमों में पूंजीगत उपादान की व्यवस्था की गई है।

 

 

बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी क अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में नई उत्तराखंड मेगा इंडस्ट्रीयल एवं इन्वेस्टमेंट नीति को मंजूरी प्रदान की गई। इसमें स्पष्ट किया गया है कि स्थायी पूंजी निवेश (भूमि को छोड़कर) के आधार पर वृहद उद्यम चार श्रेणी में वर्गीकृत होंगे।

50 करोड़ से 200 करोड़ तक के उद्यम लार्ज, 200 करोड़ से 500 करोड़ तक के उद्यम अल्ट्रा लार्ज, 500 करोड़ से 1000 करोड़ तक के उद्यम मेगा और 1000 करोड़ से अधिक के उद्यम अल्ट्रा मेगा की श्रेणी में आएंगे। इनमें श्रेणी के हिसाब से 50 से लेकर न्यूनतम 500 स्थायी रोजगार सृजित करने की सीमा निर्धारित की गई है।

लार्ज उद्योग के लिए 10 प्रतिशत, अल्ट्रा लार्ज के लिए 12 प्रतिशत, मेगा के लिए 15 प्रतिशत और अल्ट्रा मेगा के लिए 20 प्रतिशत तक पूंजीगत उपादान का प्रविधान किया गया है। ये उपादान उन्हें उद्यमों में वाणिज्यिक उत्पादन शुरू होने के उपरांत, आठ, 10, 12 व 15 वर्ष में किस्तों में दिया जाएगा।

नीति के अंतर्गत स्थापित होने वाले उद्यम को भूमि क्रय विलेख व लीज डीड के निष्पादन पर देय स्टांप ड्यूटी में 50 प्रतिशत तक की प्रतिपूर्ति की जाएगी।

कैबिनेट में पारित हुई देश की पहली योग नीति

धामी कैबिनेट ने देश की पहली योग नीति को मंजूरी प्रदान कर दी। नीति में उत्तराखंड में वर्ष 2030 तक पांच नए योग हब स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही वर्ष 2026 तक सभी आयुष हेल्थ एवं वेलनेस केंद्र में योग सेवाएं उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है।

पर्वतीय क्षेत्रों में योग एवं ध्यान केंद्र खोलने वालों को लागत का 50 प्रतिशत अधिकतम 20 लाख रुपये और मैदानी क्षेत्र में योग केंद्र खोलने वालों को लागत का 25 प्रतिशत अधिकतम 10 लाख रुपये का अनुदान देने का निर्णय लिया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *