जम्मू-कश्मीर के राजौरी सेक्टर में आतंकवादियों से हुई मुठभेड़ में शहीद हुए भारतीय सेना के वीर जवानों को पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि देते सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी।
सुबे के सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने जम्मू-कश्मीर के राजौरी सेक्टर में आतंकवादियों से हुई मुठभेड़ में शहीद हुए भारतीय सेना के वीर जवानों को पुष्प चक्र अर्पित कर तथा दो मिनट का मौन रखकर शहीदों को नमन करते हुए उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजली दी।
शुक्रवार को हाथीबड़कला स्थित कैंप कार्यालय में 22 नवंबर, बुधवार को जम्मू-कश्मीर के राजौरी सेक्टर में शहीद हुए भारतीय सेना के वीर जवानों को श्रद्धांजली एवं पुष्पांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने राजौरी सेक्टर में शहीद हुए भारतीय सेना के वीर जवानों को अपनी ओर प्रदेश सरकार की तरफ से शहीदों को भावपूर्ण नमन कर श्रद्धांजली अर्पित की। इस अवसर पर सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने शहीदों को नमन करते हुए कहा कि मां भारती की रक्षा के लिए भारतीय सेना के इन वीर जवानों द्वारा दिया गया सर्वोच्च बलिदान देश हमेशा याद रखेगा। उन्होंने कहा दुःख की इस घड़ी में सरकार हमेशा शहीदों के परिजनों के खड़ी है। उन्होंने कहा उत्तराखंड के नैनीताल जिले के निवासी शहीद लांन्स नायक संजय बिष्ट के परिजनों को किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी में समायोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा शहीद के परिजनों से बात चीत कर शहीद लांन्स नायक संजय बिष्ट के नाम पर किसी विद्यालय या अन्य का नाम रखा जाएगा।
ज्ञात हो कि राजौरी में बुधवार को आतंकवादियों से हुई मुठभेड़ में सेना के दो अधिकारी और तीन जवान शहीद हो गए थे। सेना को आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी, इसके बाद सर्च ऑपरेशन चलाया गया। जिसके बाद ताबड़तोड़ फायरिंग हुई। जिसमें आतंकियों से मुकाबला करते हुये कैप्टन एमवी प्रांजल, कैप्टन शुभम गुप्ता, हवलदार अब्दुल माजिद, लांन्स नायक संजय बिष्ट और पैराट्रूपर सचिन लौर द्वारा आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान सर्वोच्च बलिदान दिया। मुठभेड़ में उत्तराखण्ड के नैनीताल जिले के हली गांव, रातीघाट निवासी लांन्स नायक संजय बिष्ट ( 28 ) पुत्र दीवान सिंह बिष्ट भी शहीद हो गए।
लांन्स नायक संजय 12 वर्ष पूर्व भारतीय सेना में भर्ती हुये थे तथा लांन्स नायक संजय अविवाहित थे। लांन्स नायक संजय के पिता दीवान सिंह बिष्ट रातीघाट में दुकान चलाने के साथ पोस्ट ऑफिस में भी काम करते हैं । कैप्टन प्रांजल 63 राष्ट्रीय राइफल्स से थे और 29 साल के थे। कैप्टन प्रांजल के पिता मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (एमआरपीएल) के सेवानिवृत्त निदेशक हैं, जो मैसूरु के रहने वाले है।कैप्टन प्रांजल ने अपनी स्कूली शिक्षा दक्षिण कन्नड़ जिले के सुरथकल से की और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी से इंजीनियरिंग स्नातक थे। कैप्टन शुभम गुप्ता आगरा जिले के निवासी थे, जो 2015 में भारतीय सेना में शामिल हुए थे और 2018 में कमीशन प्राप्त किया था। उनकी पहली पोस्टिंग उधमपुर में हुई थी।हवलदार अब्दुल माजिद जम्मू-कश्मीर के पुंछ के अजोटे के रहने वाले थे। पैराट्रूपर सचिन लौर उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के नागलिया गिउरोला के रहने वाले थे।
इस अवसर पर जनरल सम्मी सभरवाल, कर्नल बी.एम थापा, कर्नल बीएस चोना, ले.टीडी भोटिया, कैप्टन शुभम बहादुर गुरुंग, कमल गुरुंग, हलवलदार कुलदीप गुरुंग, हवलदार सुरजीत सिंह, कैप्टन एस.एस गुरुंग, नायक सूबेदार जीत सिंह गर्ग, कैप्टन रमाकांत, ए.के.थापा सहित कई पूर्व सैनिक, बीजेपी कार्यकर्ता उपस्थित रहे।