उत्तराखंड जैव प्रौद्योगिकी परिषद हल्दी पंतनगर के कार्यालय में परिषद के अधिकारियों के साथ बैठक करते कृषि मंत्री गणेश जोशी।
प्रदेश के कृषि मंत्री एवं जैव प्रौद्योगिकी परिषद के अध्यक्ष गणेश जोशी ने मंलगवार को उत्तराखंड जैव प्रौद्योगिकी परिषद हल्दी पंतनगर के कार्यालय पहुंचकर परिषद के अधिकारियों के साथ बैठक की और
विभागीय निरीक्षण किया। इस अवसर पर उन्होंने परिषद की संचालित योजनाओं एवं शोध कार्यो का जायजा लिया।
परिषद के निदेशक डॉ. संजय कुमार ने उनका स्वागत व अभिनंदन किया एवं समस्त गतिविधियों व योजनाओं की विधिवित जानकारी से मंत्री गणेश जोशी को अवगत कराया।इस दौरान उत्तराखंड जैविक प्रौद्योगिकी परिषद के डायरेक्टर ने परिषद द्वारा अभी तक किए जा रहे कार्यों की प्रस्तुतिकरण किया गया।
जैविक प्रौद्योगिकी परिषद के डायरेक्टर ने कृषि मंत्री गणेश जोशी को परिषद द्वारा किए गए शोध तथा विभिन्न कार्यों की जानकारी दी। बैठक में जैविक प्रौद्योगिकी परिषद के अधिकारियों द्वारा मंत्री गणेश जोशी को अवगत कराया कि परिषद द्वारा राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर पर्वतीय बीज कमंडल (सीड बॉल) का निर्माण भी कराया गया। जिसमे जनपद ऊधम सिंह नगर के 05 विद्यालय के छात्र छात्राओं परिषद के वैज्ञानिकों और कर्मचारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। जिसका वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज हुआ। इन सीड को जंगलों में फेंकने से प्रकृति का वातावरण और हरा भरा बनने में मदद मिलेगी। इसके अतिरिक्त परिषद द्वारा एक कॉन्क्लेव के माध्यम से 200 किसानों को प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया। जिसपर कृषि मंत्री गणेश जोशी ने परिषद द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना भी की।
उन्होंने कहा संस्थान अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन बखूबी निभा रहा है। उन्होंने कहा जैविक प्रौद्योगिकी परिषद ने कई क्षेत्रों में अवार्ड, गिनीज बुक में नाम दर्ज कर जैसे उत्कृष्ट कार्य कर रहे है। इसके लिए उन्होंने संस्थान के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि शोध संस्थानों में बेसिक रिसर्च का होना बहुत जरूरी है। उन्होंने परिषद के अधिकारियों को पहाड़ में विलुप्त हो रहे उत्पाद जैसे माल्टा, कीनू इत्यादि फलों शोध तथा विलुप्त होने के कारणों का पता लगाया जाए। उन्होंने प्रदेश में ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के साथ मिट्टी की उर्वरकता बनाए रखने के लिए कम से कम रसायन व पेस्टिसाइड को उपयोग में लाने की बात कही। उन्होंने कहा कि मिट्टी की उर्वरकता समाप्त होने से कैंसर जैसी असाध्य बीमारियों के होने की संभावना बढ़ती है। मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि प्रदेश में उत्पादित मिलेट्स की गुणवत्ता काफी बेहतर है, और प्रदेश में मिलेट्स को बढ़ावा मिलने से आत्मनिर्भर भारत को बल मिला है। उन्होंने विभिन्न ग्रुप के साथ मिलकर मिलेट्स को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर बढ़ावा दिए जाने की बात कही और उसके लिए किये जा रहे प्रयासों की जानकारी दी जिसमें देश व विदेश स्तर के होटल मेन्यू में मिलेट्स उत्पाद को शामिल कराया जाना मुख्य बताया।
निदेशक डॉ. संजय कुमार ने विभागीय अध्यक्ष को परिषद में संचालित समस्त गतिविधियों, शोध कार्यों, प्राप्त उपलब्धियां की विस्तृत जानकारी दी। विभागीय मंत्री ने परिषद के कार्यों पर संतोष जताते हुए प्रदेश हित मे और बेहतर कार्य करने के लिए सभी को प्रोत्साहित किया।
इस अवसर पर डायरेक्टर डॉ. संजय कुमार, वैज्ञानिक डॉ. मनेंद्र मोहन, वैज्ञानिक महेंद्र, वैज्ञानिक डॉ. कंचन कार्की सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।