इन्वेस्टर समिट के दूसरे दिन डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने किया संबोधन
इस दौरान जनरल बिपिन रावत को भी श्रद्धांजलि दी गई।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि अवसंरचना में कई क्षेत्रों का मेल होने के कारण अर्थव्यवस्था में इसके गुणक प्रभाव अधिक होते हैं। केन्द्र और राज्यों में व्यापक योजना के साथ और अधिक समन्वय लाने के लिये सितम्बर, 2022 में पीएम गति शक्ति कार्यकम आरम्भ किया गया। परिवहन के विकास तथा अन्तिम छोर तक त्वरित वितरण के उद्देश्य से राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति भी लागू की गई है। इसके माध्यम से देश में लॉजिस्टिक्स लागतों को कम करना है। वर्तमान में ये लागतें जीडीपी का लगभग 14-15 प्रतिशत है, जिसे वर्ष 2030 तक 8 प्रतिशत की कमी लाना है। कहा कि इसके माध्यम से देश से निर्यात वृद्धि के साथ-साथ एमएसएमई को बढ़ावा देना है।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि वैश्विक स्तर पर हो रहे परिवर्तनों के दृष्टिगत डिजिटल और संचार विकास पर भी सतत् जोर दिया जा रहा है। एक ऐसे समूह, जब एक बुनियादी टेलीफोन कनेक्शन को एक विलासिता की वस्तु के रूप में देखा जाता था, से एक ऐसे चरण तक पहुंच गये हैं, जहां अधिकांश व्यक्तियों के पास मोबाईल कनेक्शन हैं। भारत में डिजिटल इण्डिया की कान्ति विश्व के लिये एक उदाहरण है। कहा कि उत्तराखण्ड राज्य गठन के बाद से 23 वर्ष पूर्ण कर एक वय राज्य के रूप में प्रतिस्थापित हो चुका है। इन 23 वर्षों में विकास की ओर अग्रसर उत्तराखण्ड राज्य तेजी से निवेश के लिये मुख्य गंतव्य स्थल के रूप में विकसित हुआ है और वर्तमान में देश की सबसे तेजी से बढ़ती राज्यों की अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। उत्तराखण्ड राज्य भी देश की तरह सबसे युवा आबादी वाले राज्यों में से एक है।
उन्होंने कहा कि राज्य गठन के समय उत्तराखण्ड में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम श्रेणी के 14,163 उद्यम तथा बृहत श्रेणी के 38 उद्यम कार्यरत थे। इन उद्यमों में कुल रू0 8,993.96 करोड़ (रू० 700.29 करोड़ + रु0 8,293.67 करोड) का पूंजी निवेश तथा 68,660 (38,509 + 29,151) लोगों को रोजगार उपलब्ध था। कहा कि वर्ष 2003 के पश्चात पैकज अवधि के दौरान राज्य में 27,344, सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यमों तथा 232 बृहत उद्यमों की स्थापना हुई है, जिनमें लगभग रू0 34,933 करोड़ (रू० 8273.23 + रू0 26,659.78 करोड़) का पूंजी निवेश तथा 2,34,015 (1,63,137 + 70,878) लोगों को रोजगार उपलब्ध हुआ है। पैकेज समाप्त होने के बाद वर्ष 2013-14 से वर्ष 2022-23 तक 36033 सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम व 60 बृहत उद्यम स्थापित हुए हैं, जिनमें रू0 10329 करोड़ (रू0 7228.83 + रू0 3099.93 करोड़) का पूंजी निवेश तथा 214648 (203288 + 11360) लोगों को रोजगार उपलब्ध हुआ है।
उन्होंने कहा कि ये आंकड़े इस बात के द्योतक हैं कि सरकार द्वारा लागू नीतियों एवं कार्यकमों ने निवेशकों का विश्वास प्राप्त किया है और उत्तराखण्ड देश के प्रमुख औद्योगिक रूप से सुदृढ़ राज्यों की श्रेणी में शामिल है। हमारे उद्यमी ही हमारे ब्रांड एम्बेसडर हैं, जो राज्य में निवेश के सतत् प्रवाह को चनाये हैं। कहा कि भारत सरकार द्वारा जारी राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति के समन्वय एवं राज्य के भीतर लॉजिस्टिक्स सुविधाओं के विकास हेतु पृथक से राज्य की लॉजिस्टिक्स नीति लागू की है, जिसमें रू0 32 करोड़ तक के प्रोत्साहन अनुमन्य किये गये हैं। औद्योगिक अवस्थापना सुविधाओं के विकास एवं डेडिकेटेड औद्योगिक पार्कों की स्थापना में निजी पूंजी निवेश को बढ़ावा दिये जाने हेतु भी पृथक से नीति प्रख्यापित की गई है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में रेल, सड़क एवं हवाई कनेक्टीविटी में लगातार सुधार हो रहा है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के निकट होने के कारण व्यापार और वाणिज्यिक हब और पड़ौसी राज्यों के साथ उत्कृष्ट कनेक्टीविटी का अतिरिक्त लाभ ले रहा है। ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेलवे लाईन तथा हरिद्वार, ऋषिकेश, बद्रीनाथ और केदारनाथ को जोड़ने के लिये ऑल वेदर रोड का निर्माण राज्य के भीतर कनेक्टीविटी बढ़ाने के लिये किया जा रहा है। कहा कि देहरादून और मसूरी में विश्व स्तरीय ट्रान्सपोर्ट इन्फास्ट्रक्चर के लिये भारत सरकार द्वारा रू0 1750 करोड़ की परियोजना स्वीकृत की गई है। केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री के साथ ही टनकपुर-पिथौरागढ़ की सड़क कनेक्टिविटी में सुधार के लिये चारधाम ऑल वेदर सड़क परियोजना पर द्रुत गति से कार्य गतिमान है। दिल्ली-देहरादून एलीवेटेड रोड बनने से दिल्ली से देहरादून केवल 2 घण्टे में सुगमतापूर्वक पहुंच सकेंगे। कुमांऊ और गढ़वाल के मध्य दूरी एवं समय कम करने के लिये नजीबाबाद-अफजलगढ़ बाईपास की स्वीकृति दी गई है। यमुनोत्री, केदारनाथ, हेम कुण्ड की यात्रा को सुगम बनाने हेतु पर्वतमाला के अन्तर्गत रोप-वे निर्माण का कार्य किया जा रहा है। भारत सरकार द्वारा जारी लीड्स रैंकिंग में उत्तराखण्ड राज्य एचीवर्स श्रेणी में शामिल है। राज्य में ईज आफ डूइंग बिजनेस के साथ-साथ पीस आफ डूइंग बिजनेस भी है। राज्य में कार्यरत उद्योगों में श्रमिक असन्तोष की घटनायें न के बराबर हैं। पीएम गति शक्ति-राष्ट्रीय प्लान पोर्टल की तरह राज्य द्वारा स्टेट पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान पोर्टल तैयार कर लगभग 300 ऑन ग्राउण्ड तथा अन्डर ग्राउण्ड लेयर्स का कार्य पूर्ण कर लिया गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य में अवस्थापना सुविधाओं का समेकित विकास सुनिश्चित करने के उद्देश्य से रू0 25.00 करोड़ से अधिक लागत की परियोजनायें अनिवार्यतः पीएम गति संस्थागत प्रणाली यथा नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (NPG) तथा इम्पावर्ड ग्रुप आफ सेकेट्रीज (EGOS) से अनुमोदित कराई जायेंगी। राज्य सरकार द्वारा रू0 1.00 करोड़ से अधिक की सभी परियोजनाओं के अनुश्रवण हेतु गति शक्ति पर एक विशेष पोर्टल सृजित किया गया है। राज्य सरकार द्वारा उठाये गये नीतिगत कदम अवसंरचना क्षेत्र को निवेशकों के लिये एक आकर्षण का क्षेत्र बनायेंगे, ऐसा मेरा विश्वास है। मैं अवसंरचना क्षेत्र में निवेश हेतु आप सभी का स्वागत करता हूँ।